T.R. Bhandari'sVaastu Matter in English
Vaastu Matter in Hindi |
समस्याओं के कारण सिर्फ व सिर्फ मकान में व्याप्त वास्तु-दोषप्रशन: इस नव-निर्मित मकान में रहना शुरू करने के बाद से ही मेरे व्यापार में नुकसान, कर्ज़ा बढ़ना, बच्चों की मनमानी एवं पढ़ाई में कमजोर होना, मानसिक अशांति इत्यादी समस्याओं का सामना कर रहा हूँ। मैं यह जानना चाहता हूँ कि मेरी समस्याओं के कारण इस मकान के वास्तु-दोष ही है या और कुछ? कृपया मेरी समस्याओं का समाधान बताये।उत्तर: आपके इस नव-निर्मित मकान के निर्माण में वास्तु के सिद्धांतों का पूर्ण रूप से पालन नहीं करने के कारण मकान में पैदा होने वाले वास्तु-दोष, जैसे कि पूर्व-ईशान में स्थित सेप्टिक टैंक, उत्तर-वायव्य में स्थित भूमिगत पानी का टैंक, मकान के ईशान कोने एवं उत्तर में स्थित शौचालय तथा उत्तर में स्थित शौचालय का वायव्य के शयन-कक्ष के पूर्व-ईशान में आना, ईशान के कमरे के पश्चिम-नैत्र+त, रसोई-घर के दक्षिण-नैत्र+त तथा हाल एवं दक्षिण के कमरे के उत्तर-वायव्य में स्थित दरवाजे इत्यादि, वास्तु-दोषों के दुष्परिणाम स्वरूप ही आपको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं। वास्तु-विषय के अनुसार अन्य सभी दिशाओं की तुलना में ईशान दिशा से अत्याधिक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, लेकिन ईशान दिशा से प्राप्त होने वाली सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह निरंतर बनाये रखने के लिये ईशान के हिस्से को हल्का और स्वच्छ रखना अत्यंत आवश्यक होता है। खुले स्थान के पूर्व-ईशान में स्थित सेप्टिक-टैंक तथा मकान के ईशान कोने में स्थित शौचालय, ना सिर्फ मकान में ईशान दिशा से प्रवाहित होने वाली सकारात्मक ऊर्जा के निर्विघ्न प्रवाहित होने में रुकावट पैदा कर रहे हैं, बल्कि मकान में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में वृद्धि कर रहे हैं। यह दोनों घातक वास्तु-दोष धन-हानि, मान-हानि, मकान का वातावरण दूषित होना, प्रथम पुत्र का जीवन कष्टदायक इत्यादि समस्याएँ पैदा करने के साथ गृह-मालिक एवं प्रथम पुत्र के चाल-चलन, आचार, विचार, व्यवहार एवं व्यापार को न्यूनतम स्तर पर पहुँचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उत्तर-वायव्य में स्थित भूमिगत पानी का टैंक, मानसिक और आर्थिक स्थिति के लिये अत्यंत हानिकारक परिणाम दायक होने के साथ आर्थिक दिवालीयेपन की स्थिति पैदा करता है। नैत्र+त के कमरे में बच्चों का शयन-कक्ष होने के कारण बच्चों के विकास का मार्ग अवरुद्ध होता है, बच्चों का स्वभाव जिद्दी प्रवृत्ति में परिवर्तित होने के साथ ही बच्चे पढ़ाई में कमजोर रहते हैं। वायव्य में स्थित शयन-कक्ष के पूर्व-ईशान में स्थित शौचालय और इस शयन-कक्ष के उत्तर-वायव्य में आने वाले भूमिगत पानी के टैंक के कारण इस शयन के उपयोगकर्ता को धन-हानि, मान-सम्मान में कमी, मानसिक अशांति इत्यादी समस्याओं का गंभीर रूप से सामना करना पड़ता है। ईशान के कमरे के पश्चिम-नैत्र+त, रसोई-घर के दक्षिण-नैत्र+त तथा हाल एवं दक्षिण में स्थित कमरे के उत्तर-वायव्य में स्थित दरवाजे, इन कमरों में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में वृद्धि कर रहे हैं। आपकी समस्याओं से समाधान प्राप्त करने के लिये अपेक्षित फेरबदल:-
उपरोक्त वास्तु-परिवर्तन करवाने के बाद मात्र कुछ ही दिनों में आपकी सभी समस्याओं का निवारण होने के साथ आपकी आर्थिक स्थिति में अनुकूल परिणाम प्राप्त होने शुरू हो जाएँगे। आपके बच्चे ना सिर्फ अपनी मनमानी छोड़कर आज्ञाकारी बनेंगे, बल्कि पढ़ाई में भी उन्नति प्राप्त करेंगे। भविष्य में इस मकान में आपका जीवन खुशहाल एवं समृद्धिदायक व्यतीत होगा। |