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Bhandari Vaastu Consultancy वास्तु विषय की सार्थकता | Bhandari Vaastu Consultancy | Indian Vaastu | Vaastu Shastra | Hyderabad | India

प्राप्त करे वास्तु दोषों से निवर्ती

प्रशन: मैंने यह मकान और इस प्लाट के पूर्व-उत्तर कोने में एक कमरा बनवाकर उसमें दुकान शुरू की थी। हम पति-पत्नी के आपस में अनबन, दुकान में ग्राहकों के साथ झगड़े तथा व्यापार में नुकसान हो रहा है। मेरे मकान में क्या फेरबदल करवाऊँ, ताकि भविष्य में मैं सुखी जीवन व्यतीत कर सकूं।

उत्तर: आपकी समस्याओं के होने वाले कारण, इस मकान में व्याप्त वास्तु दोष :-

  • प्लाट के पूर्व-उत्तर कोने में दुकान होने के कारण, प्लाट का ईशान वजनदार होना एवं इस दुकान से मकान में जाने के लिये दरवाजा नहीं लगाने के कारण इस मकान के खुले स्थान का पूर्व-उत्तर कोना कट गया है।
  • आग्नेय कोने में स्थित भूमिगत पानी का टैंक।
  • पश्चिम-नैऋत में स्थित सेपटिक टैंक।
  • नैऋत में स्नानघर एवं शौचालय होने के कारण नैऋत का हल्का होना।
  • शयन-कक्ष के पूर्व-आग्नेय तथा रसोई-घर के उत्तर-वायव्य एवं दक्षिण-नैऋत में स्थित दरवाजे।

उपरोक्त वास्तु दोषों से निवर्ती प्राप्त करने के लिये अति आवश्यक अपेक्षित फेरबदल-

  • ईशान कोने में स्थित दुकान को तोड़कर, बैठक के कमरे के उत्तर-ईशान में एक नया दरवाजा लगाकर, बैठक के कमरे को दुकान के लिये उपयोग करे।
  • आग्नेय कोने में स्थित भूमिगत पानी के टैंक को मिट्टी से भरकर बंद करके, ईशान कोने से थोड़ी जगह छोड़कर, पूर्व-ईशान तथा उत्तर-ईशान में एक-एक नये भूमिगत पानी के टैंक बनायें।
  • पश्चिम-नैऋत में स्थित सेप्टिक टैंक को मिट्टी से भरकर बंद करके, मकान के उत्तर-वायव्य में, सड़क पर नया सेप्टिक टैंक इस तरह से बनाये कि यह नव-निर्मित सेप्टिक टैंक वायव्य के कमरे के उत्तर-वायव्य के हिस्से तक ही आये।
  • शयन-कक्ष के पूर्व-आग्नेय में स्थित दरवाजे को, इसी कमरे के पूर्व-ईशान में स्थानांतरित करें।
  • रसोई-घर के उत्तर-वायव्य एवं दक्षिण-नैऋत में स्थित दरवाजों को, रसोई-घर के उत्तर एवं दक्षिण में आमने-सामने स्थानांतरित करें।

उपरोक्त फेरबदल करवाने के बाद, मात्र कुछ ही दिनों में आपकी आर्थिक स्थिति में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आर्थिक अनुकूलता प्राप्त होने के पश्चात, वास्तु विषय के उत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिये अपेक्षित फेरबदल-

  • दक्षिण-नैऋत में स्थित स्नानघर एवं शौचालय को तोड़कर, खुले स्थान के दक्षिण-आग्नेय के हिस्से में नया स्नानघर एवं शौचालय बनाये।
  • नैऋत के हिस्से के फर्श की उंचाई बढाकर, मकान के पूर्व की दिवार के समरुप, नये कमरे का निर्माण करवाकर, रसोई-घर को इस नव-निर्मित कमरे में स्थानांतरित करें।