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वास्तु-दोषों के दुष्परिणाम और यंत्र??

प्रश>>: एक वर्ष पहले हमने यह डूप्लेक्स मकान खरीद कर इसमें रहना शुरू किया था। इस मकान के वास्तु-दोषों के दुष्परिणामों से निवृत्ति प्राप्त करने के लिये एक वास्तु-पंडित ने पूजा करके एक वास्तु-दोष निवारण यंत्र एवं एक श्रीयंत्र मकान में स्थापित करवाकर कहा था कि इससे मकान के वास्तु-दोषों का असर समाप्त हो जाता है और आर्थिक उन्नति प्राप्त होती हैं। क्या वास्तव में ऐसा होना संभव है? क्योंकि इस मकान में रहना शुरू करने के बाद से हम आर्थिक नुकसान, गृह-कलह, बीमारियाँ इत्यादि समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कृपया हमारी समस्याओं का समाधान बताये।

उत्तर: मकान के वास्तु-दोषों के दुष्परिणामों से निवृत्ति प्राप्त करने के नाम पर आप गलत मार्गदर्शन का शिकार बन गये हैं। अनुभवी वास्तु-विशेषज्ञ के लिये इस तरह के उपाय महत्वहीन है, क्योंकि किसी भी उपाय को अपनाने के बाद भी जब कोई परिणाम नहीं मिलते है, तब वह उपाय निरर्थक एवं अस्तित्वहीन ही साबित होता हैं।

मकान के वास्तु-दोषों को वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार सुधारने के अतिरिक्त और कोई भी विकल्प या उपाय स्थाई तौर पर कारगर साबित नहीं हो सकते। मकान में यंत्र स्थापित करके मकान के वास्तु-दोषों के दुष्परिणामों से निवृत्ति प्राप्त करना नामुमकिन है और इस तथ्य का अहसास आप स्वयं प्राप्त कर चुके हैं।

इस मकान के पूर्व-ईशान में विधी-शुला आ रही है, जो कि एक अत्यंत शुभ संकेत हैं, क्योंकि यह विधी-शुला बहुत ही समृद्धि दायक होती है, लेकिन इस मकान में व्याप्त वास्तु-दोष जैसे कि उत्तर-वायव्य के बढ़े हुए हिस्से में स्थित स्नानघर/शौचालय के कारण मकान की उत्तर एवं उत्तर-ईशान दिशा का कट जाना एवं इस स्नानघर/शौचालय का वायव्य के कमरे के ईशान में आना, उत्तर-ईशान में स्थित सीढ़ियाँ, ब्रह्म-स्थल पर स्थित बोरवेल, मुख्य शयन-कक्ष के उत्तर-वायव्य में स्थित खुले स्थान के कारण इस शयन-कक्ष की उत्तर व उत्तर-ईशान दिशा कट जाना, बैठक के कमरे के पश्चिम-नैत्र+त में स्थित दरवाजा इत्यादि के कारण, ना सिर्फ आपको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि मकान के पूर्व-ईशान में आने वाली विधी-शुला से प्राप्त होने वाले समृद्धि दायक परिणामों में भी न्यूनता आ रही है। इस मकान के वास्तु-दोषों से निवृत्ति तथा वास्तु-बल को बढ़ाने के लिये अपेक्षित फेरबदल:-

  • भूतल एवं प्रथम तल में, मकान के बढ़े हुए उत्तर-वायव्य के हिस्से में स्थित स्नानघर/शौचालय को तोड़कर, इस स्नानघर/शौचालय के दरवाजे को निकाल कर दीवार बनाये, जिससे यह हिस्सा इस मकान से अलग हो जाएगा।
  • मकान के उत्तर-ईशान में स्थित सीढ़ियों को तोड़कर, हाल के दक्षिण-आग्नेय के हिस्से में नयी सीढ़ियाँ बनाने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है।
  • ब्रह्म-स्थल पर स्थित बोरवेल को मिट्टी से भरकर बंद करके, बैठक के कमरे में या फिर बाहर सड़क पर, ईशान कोने से थोड़ी जगह छोड़कर पूर्व-ईशान में नया बोरवेल बनाये।
  • बैठक के कमरे के ईशान कोने से थोड़ी जगह छोड़कर, उत्तर-ईशान में एक नया भूमिगत पानी का टैंक बनाये।
  • मुख्य शयन-कक्ष के उत्तर-वायव्य में स्थित दरवाजे को निकाल कर दीवार बनाये।
  • मकान के पश्चिम-वायव्य में स्थित खुले स्थान के दो-तिहाई दक्षिण के हिस्से में, वायव्य के कमरे के लिये अटैच स्नानघर/शौचालय बनाये।
  • बैठक के कमरे के पश्चिम-नैत्र+त में स्थित दरवाजे को, इसी कमरे के पश्चिम-वायव्य में स्थानान्तरित करे।
  • बैठक के कमरे के पूर्व-ईशान में एक नयी खिड़की लगाये।

उपरोक्त फेरबदल करवाने के लिये यकीनन आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी और आपको आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ेगा, लेकिन इसके अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है। फेरबदल करवाने के बाद आपकी आर्थिक उन्नति होने के साथ, इस मकान में आपका जीवन समस्यारहित, खुशहाल एवं समृद्धिदायक व्यतीत होगा।