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Bhandari Vaastu Consultancy वास्तु विषय की सार्थकता | Bhandari Vaastu Consultancy | Indian Vaastu | Vaastu Shastra | Hyderabad | India

नया निर्माण शुरु करवाने से पहले?

प्रश>> : मै इस प्लाट पर वास्तु के अनुसार मकान का निर्माण करवाना चाहता हुं। कृपया मार्गदर्शन करे।

उत्तर:इस स्तंभ में मकान के नक्शे के आधार पर पाठकों की समस्याएँ एवं जिज्ञासाओं का समाधान दिया जाता है, ना कि नये मकान के निर्माण की जानकारी। नये मकान के निर्माण की जानकारी देने के लिए, प्लॉट की दिशाओं का सही निर्धारण करने के साथ, प्लॉट के आस-पास की भौगोलिक वास्तु स्थिति, निर्माण करवाते समय आप जिस मकान में रह रहे हैं, उस मकान की वास्तु स्थिति तथा आपकी आर्थिक सामर्थ्य एवं आवश्यक्ताओं का भी ध्यान रखना पड़ता है, जो कि बिना स्थल निरीक्षण के संभव नहीं है।

मकान जीवन में बार-बार नहीं बनाए जाते हैं, अत: इतना चिंतन अवश्य करें कि मकान के निर्माण में एक कुशल व अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ का मार्गदर्शन आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने में सक्षम होगा।

मकान का निर्माण अगर वास्तु के सिद्धांतों के विपरीत हो गया तो, उस नव-निर्मित मकान में पैदा होने वाले वास्तु-दोषों के दुष्परिणाम, उस मकान में निवास करने वालों के जीवन को समस्याग्रस्त स्थिति में परिवर्तित कर देंगे, क्योंकि आपका वर्तमान और भविष्य, आपके मकान की वास्तु के आधार पर ही प्रभावित होगा।

अत: बेहतर यही होगा कि नया निर्माण कार्य आपकी आर्थिक सामर्थ्य एवं आवश्यक्ता के अनुसार, अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करवायें। नया निर्माण कार्य शुरु करवाने से पहले इस प्लाट के निम्न वास्तु दोषों को सुधारे :-

  • इस प्लाट का पूर्व-आग्नेय का हिस्सा बढ़ा हुआ होने के कारण, पूर्व एवं पूर्व-ईशान दिशा कट गयी है, जो अत्यन्त घातक वास्तु दोष पैदा करता है। यह वास्तु दोष अन्य कई समस्याएं पैदा करने के साथ ही गृह-मालिक, प्रथम पुत्र तथा वंश-वृद्धि के लिए अत्यंत घातक दुष्परिणाम दायक होता है। इस वास्तु दोष के दुष्परिणामों से स्थायी तौर पर निवृत्ति प्राप्त करने के लिये, प्लाट के पूर्व-उत्तर कोने को 90 डिग्री से थोड़ा कम रखते हुए, प्लाट के पूर्व में नई चारदीवारी बनाएं। जिससे पूर्व-आग्नेय का बढ़ा हुआ हिस्सा इस प्लाट से अलग हो जाएगा और पूर्व-ईशान बढ़ जाएगा जो कि अत्यंत समृद्धि दायक साबित होगा। बढ़े हुए पूर्व-आग्नेय के अलग किए गए हिस्से को आप चाहें तो पूर्व में स्थित पडोसी को बेच दें, अन्यथा खुला छोड़ दें।
  • प्लाट के पश्चिम-नैऋत में विधी-शुला आ रही है, जो धन-हानि कारक होने साथ गृह-मालिक के जीवन के लिए अत्यंत दुष्परिणाम दायक होती है। इसके दुष्परिणामों से बचने के लिए प्लाट के पश्चिम-नैऋत में, इस विधी-शुला के सामने एक कमरे का निर्माण करें। जिससे यह विधी-शुला इस कमरे के पश्चिम में आ जाएगी। लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि इस कमरे एवं नव-निर्मित मकान की दीवारों के बीच में थोडी खुली जगह अवश्य रहे, और इस कमरे को सिर्फ पश्चिम में स्थित सड़क की तरफ से उपयोग करे। अन्यथा, कमरे का निर्माण नहीं करने की स्थिति में, इस विधी-शुला के दुष्परिणामों से बचने के लिए, मकान के निर्माण में वास्तु के अनुसार और भी कई संभावित उपाय किये जा सकते हैं।