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Bhandari Vaastu Consultancy वास्तु विषय की सार्थकता | Bhandari Vaastu Consultancy | Indian Vaastu | Vaastu Shastra | Hyderabad | India

वास्तु - एक सच्चाई

प्रश>>: दो वर्ष पहले मैंने यह मकान खरीदा था। इस मकान मे आने के बाद मेरी आर्थिक स्थिति न्यूनतम स्तर पर आ गयी है। बच्चों का जिद्दी स्वभाव एवं पढ़ाई में कमजोर रहना, धन-हानि, गृह-कलह इत्यादि समस्याओं ने मुझे विचलित कर दिया है। वास्तु के अतिरिक्त ज्योतिषीय एवं अन्य सभी उपाय अपनाकर परख चुका हूं, लेकिन मेरी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। कृपया मेरी समस्याओं के कारण और निवारण बतायें।

उत्तर: यह अटल सत्य है कि जब तक मकान में कोई वास्तु दोष होंगे, तब उन वास्तु दोषो को वास्तु के अनुसार सुधारने के अतिरिक्त और कोई भी उपाय कारगर साबित नही हो सकते। इस सच्चाई का अहसास आप स्वयं कर चुके है। आपकी समस्याओं के होने वाले कारण, इस मकान में व्याप्त वास्तु दोष :-

  • ईशान कोने में स्थित सेप्टिक टैंक एवं स्नानघर/शौचालय।
  • उत्तर-वायव्य में स्थित भूमिगत पानी का टैंक।
  • मकान के उत्तर में स्थित सीढ़ियां।
  • नैऋत के कमरे में बच्चों का शयन कक्ष होना।
  • हॉल तथा वायव्य के कमरे के पूर्व-आग्नेय में स्थित दरवाजे।

ईशान दिशा से अत्याधिक सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। इसीलिए वास्तु विषय में अन्य सभी दिशाओं की तुलना में ईशान दिशा को एक महत्वपूर्ण दिशा का स्थान दिया गया है। ईशान में सेप्टिक टैंक एवं शौचालय होना घातक श्रेणी के वास्तु-दोषों में से एक होता है। जिसके दुष्परिणामों के कारण घर का वातावरण दूषित होना, धन-हानि, गृह-कलह इत्यादि समस्याएं पैदा होने के साथ ही यह वास्तु दोष गृह मालिक एवं प्रथम पुत्र के चाल-चलन, आचरण एवं व्यवहार को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

मकान के उत्तर में स्थित सीढ़ियां धन-हानि, गृह-कलह तथा गृहिणी के जीवन में कष्टप्रद परिस्थितियां पैदा करती है। इसके साथ ही यह सीढ़ियां वायव्य में स्थित कमरे के उत्तर-ईशान में आने के कारण, वायव्य के कमरे को उपयोग करने वालों के लिए ज्यादा दुष्परिणाम दायक होती है। उत्तर-वायव्य में भूमिगत पानी का टैंक होना, मानसिक अशांति दायक तथा आर्थिक दिवालियेपन का मुख्य कारण होता है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थायित्व का प्रतीक होती है। इस दिशा में स्थित कमरे का उपयोग करने वाले के हाथ में घर की बागडोर रहती है। इस कमरे में बच्चों का शयन कक्ष होने के कारण बच्चों के विकास में बाधाएं उत्पन्न होती है तथा बच्चों का स्वभाव जिद्दी प्रवृति का होता है एवं पढ़ाई में कमजोर रहते हैं। आपकी समस्याओं से स्थायी तौर पर समाधान प्राप्त करने के लिये अपेक्षित फेरबदल:-

  • ईशान कोने में स्थित स्नानघर/शौचालय को तोड़कर हटाये तथा सेप्टिक टैंक को साफ करवाकर मिट्टी से भरकर बंद करें।
  • उत्तर-वायव्य में स्थित भूमिगत पानी के टैंक को सेप्टिक टैंक में परिवर्तित करे ।
  • ईशान में कर्ण रेखा को छोड़कर, चारदीवारी तथा कर्ण-रेखा के नजदीक, पूर्व-ईशान तथा उत्तर-ईशान में एक-एक नये भूमिगत पानी के टैंक बनायें।
  • पश्चिम-वायव्य में, मकान तथा चारदीवारी की उत्तर की दीवारों से थोडी खाली जगह रखते हुए, आवश्यक्तानुसार नया स्नानघर/शौचालय बनायें।
  • मकान के उत्तर में स्थित सीढ़ियों को तोड़कर, मकान के पश्चिम-नैत्र+त में स्थित खुले स्थान के हिस्से में नयी सीढ़ियां बनाने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है।
  • दक्षिण-पश्चिम के कमरे को मुख्य शयन कक्ष तथा उत्तर-पश्चिम के कमरे को बच्चों का शयन एवं अध्ययन कक्ष बनायें।
  • हॉल एवं वायव्य के कमरे के पूर्व-आग्नेय में स्थित दरवाजों को, हॉल एवं वायव्य के कमरे के पूर्व-ईशान में आमने-सामने स्थानांतरित करें।

उपरोक्त फेरबदल करवाने के बाद मात्र कुछ ही दिनों में आपकी सभी समस्याएं स्वत: ही समाप्त होती नजर आएंगी और भविष्य में इस मकान में आप खुशहाल और समृद्धिदायक जीवन व्यतीत करेंगे।