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Bhandari Vaastu Consultancy वास्तु विषय की सार्थकता | Bhandari Vaastu Consultancy | Indian Vaastu | Vaastu Shastra | Hyderabad | India

ज्योतिषीय उपाय से नहीं बदलती ग्रहों की चाल

जिज्ञासाः ज्योतिष-विद्या और वास्तु-विषय एक-दूसरे के पूरक है या नहीं? समस्याओं से समाधान प्राप्त करने के लिये जन्म-कुण्डली का विश्लेषण करवाना आवश्यक है या नहीं? ज्योतिषीय उपाय से समस्या का समाधान प्राप्त हो सकता है या नहीं?

समाधान : ज्योतिष विद्या का वास्तु विषय में जबर्दस्ती प्रवेश करना, वास्तु विषय के लिये अर्थहीन ही कहा जा सकता है। “ज्योतिष और वास्तु’ दोनों अलग-अलग विषय है और दोनों विषयों का अलग-अलग महत्व और उपयोगिता है। ज्योतिष एक उत्तम विद्या है, जो ज्योतिषीय गणना के आधार पर, मानव जीवन में घटने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी दे सकती है।

वास्तु विषय से लाभान्वित होने के लिये जन्म-कुण्डली का विश्लेषण करवाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है, क्योंकि जन्म-कुण्डली की गणना करके, ग्रह-नक्षत्रों का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर, सिर्फ जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है। अत यह कहा जा सकता है कि ज्योतिष विद्या फलसूचक हो सकती है, फलदायक नहीं।

ज्योतिषीय गणना के आधार पर जब कोई ग्रह कमजोर होता है, तब ग्रह-शांति, पूजा, यंत्र, दान-दक्षिणा इत्यादि ज्योतिषीय उपायों पर अमल करने के बारे में सुझाव दिया जाता है। आप स्वयं यह सोच सकते हैं कि ग्रह-शांति, पूजा, यंत्र, दान-दक्षिणा इत्यादि उपायों पर अमल करने से, क्या मानव जीवन को प्रभावित करने वाले, सौर-मण्डल में निरंतर चलायमान ग्रह अपनी चाल बदल देंगे? निश्चय ही इसका जवाब ’नहीं“ होगा। जब ग्रहों की चाल को बदलना असंभव है, तो फिर ऐसे उपायों पर अमल करने से किसका भला होगा? यह आपके चिंतन का विषय है, जिसे आप स्वयं बेहतर समझ सकते हैं। यह सब इंसानी भावनाओं से खेलकर, समस्याग्रस्त इंसान को भ्रमित करने का तरीका ही हो सकता है। इसके विपरीत वास्तु के सिद्धांतों का परिपालन करके समस्याओं से मुक्ति पाना बहुत ही सरल, आसान और सही तरीका है।

यह अटल सत्य है कि इंसान जब भी मकान बदलता है या मकान में कोई फेरबदल करवाता है, तब उसकी जीवनशैली भी बदली हुई वास्तु के अनुसार परिवर्तित हो जाती है। अत: यह कहना ज्यादा बेहतर और सही होगा कि वास्तु की सही दिशाएँ, विपरीत ग्रह-दशा को भी बदल देती है।

उत्तर व उत्तर ईशान में सीढ़ियाँ घातक

जिज्ञासा: मैं तीसरी मंजील पर स्थित एक प्लैट खरीदना चाहता हूँ। इस प्लैट के ईशान कोने से पाँच फिट जगह छोड़कर, उत्तरी दिवार से लगकर भवन की सिढ़ियाँ बनी हुई है। कृपया वास्तु के दृष्टिकोण से बताए कि इस प्लैट को खरीदना चाहिए या नहीं?

समाधान :प्लैट के उत्तर व उत्तर ईशान की दिवार से लगकर भवन की सीढ़ियाँ होना, वास्तु के दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा गलत है। यह घातक वास्तु दोष आमदनी में रूकावट, आर्थिक नुकसान, गृहणी का जीवन कष्टमय, गृह-कलह इत्यादि समस्याएँ पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है। इस प्लैट को खरीदना, समस्याओं को आमंत्रित करना मात्र होगा।

ध्यान लगाने की दिशा

जिज्ञासा: मैं पूर्व दिशा में ब़ैठकर ध्यान लगाता हूँ, क्या यह सही है?

समाधान : पूर्व या पश्चिम दिशा में बैठकर ध्यान लगाना अच्छा है, लेकिन यह और ज्यादा अच्छा होगा कि अगर आप पूर्व-ईशान में पूर्व-मुखी या पश्चिम-वायव्य में पश्चिम-मुखी बैठकर ध्यान लगाते।